राम मंदिर अयोध्या 2024 वर्षो का इंतजार खतम , बस कुछ दिन होगी राम मंदिर का उदघाटन
राम मंदिर अयोध्या 2024 : अयोध्या के नाम सुनते ही अभी पूरे भारत वासियों के साथ साथ देश विदेश में रहकर हिंदू धर्म को मानने वालो की मन में राम लला की मंदिर के साथ साथ उनका प्राण प्रतिष्ठा ही याद आ रहा है हालाकि ये इतना आसान भी नहीं था बहुत वर्षो एक बाद आई लंबे समय इंतजार के बाद अयोध्या में राम भगवान की मंदिर बन रहा है ।
आज इस लेख में हम आपको राम मंदिर अयोध्या के बारमें पूरे डिटेल के साथ बताएंगे क्या और कैसी थी अयोध्या की कहानी .
अयोध्या में बनने वाले राम के बारेमे और डिटेल जाने के हमारी पिछले पोस्ट में जरूर पढ़े
अयोध्या में भगवान राम मंदिर का उद्घाटन जल्द ही होने वाला है 22 जनवरी को दोपहर 12.15 से लेके 12. 45 के बीच अयोध्या में राम भगवान को की प्राण प्रतिष्ठा किया जायेगा ।राम मंदिर अयोध्या 2024
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के को मुख्य अतिथि के रूप में ये प्राण प्रतिष्ठा होना है इसके साथ ही यूपी का सीएम योगी आदित्यनाथ , आरएसएस के प्रमुख , मोहन भागवत और यूपी का राज्यपाल आंदिनी बेन पटेल और राम लला ट्रस्ट के मुख्य अध्यक्ष महंत नित्य गोपाल दास भी सामिल रहेंगे 22 जनवरी के दिन मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ।
राम मंदिर अयोध्या 2024 :इस ऐतिहासिक पल में देश विदेश का महान हस्तियां भी सामिल होगे कुल 7000 हजार ऐसे लोग है जिसे इस पल में सामिल होने के लिए निमत्रण किया गया है ये पल पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक पल होने वाला है राम मंदिर अयोध्या ।
मंदिर शिल्यांंस समारोह 2020 में
2019 में कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में आने के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 aug 2020 में राम मंदिर की शिलायनियाश किया था और उसके साथ ही मोदी ने एक पाटिका का अनावरण भी किया था और एक समर्क डाक टिकट भी जारी किया था । आज उसी मंदिर का 22 जनवरी 2024 को खुद मोदी उत्घाटन करेंगे । राम मंदिर अयोध्या 2024
ब्रिटिश भारत के दौरान से है अयोध्या में विवाद
मस्जिद निर्माण 1528 में मुगल सम्राट बाबर ने करवाया था कुछ रिपोर्ट के ए मस्जिद के लिए रास्ता बनाने के लिए बाबर ने अयोध्या का राम मंदिर को गिरा दिया था अयोध्या के बाबरी मस्जिद पर स्थल पर धार्मिक बिबाद पाहिली बार 1853 में हुआ था इसे देखते हो अंग्रेज ने 6 साल बाद इस जगह के दो हिस्से में बाटने का फैसला लिया था भीतर का भाग मुसलमानों को प्राथना करने के लिए और बाहर का भाग हिंदू को दे दिया था
पहिली बार बाबरी मस्ज़िद के अंदर से मिला भगवान राम की मूर्ति 1949 में
बाबरी मस्जिद के अंदर भगवान राम लला की मूर्ति 1949 में मिला उसके बाद गोपाल सिंह नाम एक बयक्ति ने फैजाबाद अदालत में एक याचिका दायर किया और ठीक इसी समय अयोध्या के रहने वाले हासिम अंसारी ने भी एक याचिका दायर की जिसमे कहा गया था की उन मूर्तियों को वाहा से हटा दिया जाए और इस जगह पर मस्जिद को रहने दिया जाए इसी को देखते हुए सरकार ने इस स्थान पर ताला लगाने की फैसला सुनाई और हिंदू पुजारियों को बाहर दैनिक पूजा करने की अनुमति दिया ।
ऐसे ही कई याचिका दोनो पक्ष दारा अदालत में पड़ते गया और किसी पर सुनुवाई हुई तो किसी पर नही हुई
ऐसे ही एक दिन सुनी सेंट्रल बॉक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद को को उनको बोर्ड की संपति घोषण करने लिए भी फैजाबाद कोर्ट में एक याचिका लगाई थी
राम मंदिर निर्माण का अभियान 1980 शुरू हुआ था
विश्व हिंदू परिषद पार्टी ने अपने के रेख़ देख में एक समिति बनाई जिसका काम अयोध्या का राम मंदिर की जगह के खाली करना और राम भगवान की याद में वाहा पर एक मंदिर बनना था इसी कमिटी के एक याचिका पर 1986 में अयोध्या के जिला अदालत ने बाबरी मस्जिद का ताला खोल कर वाहा पर हिंदुओं को पूजा करने को अनुमति दे दी ।
ये फैसला आते ही मुस्लिम पक्ष भी तुरंत एक सन में आया और उनो ने भी अपना एक कमिटी बनाई । और ऐसे ही छोटे मोटे याचिका पड़ती रही अदालत में
बाबरी मस्जिद को गिराया गया था 1992 में
अयोध्या में ऐसे ही छोटे छोटे बीबाद हमेशा होते रहा है ऐसे ही एक दिन के बीबाद में बाबरी मस्जिद को हिंदुओं को भीड़ ने गिरा दिया था 06.दिसंबर 1992 साल में बिबादित बाबरी मस्जिद को शिव सेना , और भाजपा के नेताओं को निर्देशन में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था । जैसे ही बाबरी मस्जिद को गिराया गया था पूरे देश में बहुत बड़े पैमाने पर हिंदू मुस्लिम में दंगे शुरू हो गए थे और उसके नुकसान पूरे देश को हुआ और उस दंगे में 2000 से जा दा लोगो ने अपनी जान भी गवाई थी।
(ASI) भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण -2003 में
2003 में भारतीय पुरातत्व विभाग ने बाबरी मस्जिद को जगह पर एक सर्वे किया और उसमे बताया कि मस्जिद के निचले हिस्से में हिंदू मंदिर होने की उने बहुत सारी ऐसे निशानी मिली जिस से ये साफ साबित होता है को वाहा पर पहिले मंदिर ही था और आगे चल कर वाहा पर मस्जिद बनाई गई थी । राम मंदिर अयोध्या 2024
बाबरी मस्जिद को जगह को तीन हिस्से में बटवारा 2010
राम मंदिर अयोध्या 2024 : साल 2010 में इल्हाबाद के अदालत ने इस इस बाबरी मस्जिद के के जगह पर उसके हक लिए लिए पड़ी तमाम याचिका को देखते हुए इस भूमि के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा और उने दोनो पक्ष में सुना दिया अपना फैसला
अदालत ने अपने फैसले में कहा की इस बिबादित जगह को तीन भाग में बाट देना चाहिए और एक भाग हिंदू पक्ष को देना चाहिए जिसपे वो अपना पूजा कर सके और दूसरा भाग मुस्लिम बोर्ड को देना चाहिए और आखिरी भाग निर्मोही अखाड़ा को देना चाहिए ।
पर ये फैसला को दोनो पक्ष को पसंद नही आया और दोनों पक्ष ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की सोची और उनो ने 2011 में अपना याचिका सुप्रीम कोर्ट दिया और इसी याचिका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर रोग लागदी ।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2019 में आया राम के पक्ष में
2019 से सुप्रीम कोर्ट में चली केस का फैसला पूरे 8 साल बाद आया 2019 में 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायमूर्ति की बेच ने 2.77 एकड़ बिबादित भूमि को एक ट्रस्ट को ट्रांसफर करने के आदेश दिया . इस ट्रस्ट को भगवान राम जन्म भूमि मंदिर के निर्माण के लिए भारत के सरकार दारा स्थापित किया जायेगा . इस 2.77 बिबादित जगह के बदले कोर्ट ने यूपी सरकार वा राम जन्मभूमि ट्रस्ट को अपने फैसले में आदेश दिया कि अयोध्या में ही कही उचित जगह पर 5 एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को देना है । इस फैसला का सभी स्वागत किया।
आज 2019 के फैसले के कारण ही अयोध्या में राम मंदिर बनके त्यार है जिसकी उद्घाटन कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 में किया जायेगा
राम मंदिर के बारेमे और उसकी पुरानी इतिहास जानने के लिए यहां पर क्लिक करके जरूरी पढ़े ।
इस साल पूरे हिंदू धर्म मानने वाले के लिए ऐतिहासिक साल होने वाले है 500 साल के इंतजार के बाद फाइनली इस साल अयोध्या में भगवान राम लला की मंदिर बनके त्यार है और इस मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा साल के शुरुवात 22 जनवरी को होने वाला है ।जो पुरे देश विदेश रह रहे हिंदू भाइयों के लिए गर्ब की बात है ।
प्रेम से बोलो जय श्री राम
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