30 साल पहिले त्यार होगया था , अयोध्या राम मंदिर डिजाइन , किसने किया था , ayodhya Mandir good design

30 साल पहिले त्यार होगया था , अयोध्या  राम मंदिर डिजाइन , किसने किया डिजाइन ayodhya Mandir design

अयोध्या राम मंदिर डिजाइन :इस साल के जनवरी महीने में उद्घाटन हो रहे अयोध्या राम मंदिर की डिजाइन को आज से लगभग 30 साल पहिले ही डिजाइन करली गई थी मगर इस डिजाइन को जैसे तैसा रख दिया गया था । क्युकी इस जमीन के लिए कोर्ट में मुदा चल रहा था और किसी भी पक्ष में फैसला नही आया था ।

अयोध्या का राम मंदिर का डिजाइन
अयोध्या राम मंदिर डिजाइन

किसने बनाई थी राम मंदिर की डिजाइन : अयोध्या में राम मंदिर का पूरा देश को बेशर्बी इंतजार था.मगर अब ये इंतजार खत्म होगया है और आने वाले कुछ दिनों में मंदिर का उद्घाटन समारोह होने वाले है । इस सभी के बीच आज आपको बताएंगे की किसने मंदिर का डिजाइन 30 साल पहिले किया था . मूल रूपसे पालीताणा और अब गुजरात के अहमदाबाद सहर रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरा ने राम मंदिर का डिजाइन आज 30 वर्ष पहिले बनाया था ।

अयोध्या राम मंदिर डिजाइन

चंद्रकांत सोमपुरा ने किसके कहने पर बनाई थी राम मंदिर का डिजाइन : इस मंदिर का डिजाइन को सोमपुरा ने उस टाइम का (VHP ) की अध्यक्ष अशोक सिंघल के अनुरोध करने पर बनाया था . उस टाइम यानी 30 साल पहिले अध्यक्ष अशोक सिंघल राम मंदिर निर्माण मुख्य कर्ता थरता थे। और उनोने ने ही पहिले अयोध्या में राम मंदिर बनाने निर्णय लिया था और उनो पहिले ही सोच लिया था अयोध्या मंदिर का डिजाइन क्या होगा । 2019 मे कोर्ट का फैसला आने के बाद उसी डिजाइन पर मंदिर बनके त्यार है .

अयोध्या का राम मंदिर का डिजाइन
अयोध्या राम मंदिर डिजाइन

( अयोध्या राम मंदिर डिजाइन के बारेमे यहां क्लिक करके जरूर पढ़े )

किसके कहने पर अयोध्या आए थे चंद्रकांत सोमपुरा :उस समय डी डी बिरला ने सोमपुरा से कहा था आप सिंघल के अयोध्या जाए और वाहा की जगह देख कर आप वाहा पर मंदिर निर्माण का डिजाइन त्यार करे 

पहिली बार कैसे नामी गई थी अयोध्या राम मंदिर डिजाइन और जमीन :आज से 30 साल पहिले जमाना इतना आगे नही था और टेक्नोलॉजी भी इतना नही था इसी लिए जब वो दोनो लोग अयोध्या आए तो मंदिर का जगह नापने तो उस टाइम का उतर प्रदेश के सरकार ने इने जमीन नापने के लिए एक इंच टेप तक नही दिया था । फिर उन दोनो एक नया आइडिया लगाया और अपने पाव से जमीन नाप कर नक्शा यानी डिजाइन बनाए गया था । आज उसी पाव के नापे नक्से से करोड़ो खर्च करके अयोध्या में राम मंदिर बनके त्यार है।

कितने लोग बना रहें राम मंदिर का मूर्तिया : चंद्रकांत सोमपुरा ने हमे बताया कि अयोध्या में भगवान राम की 3 मूर्तिया बन रही है. जो हाल में 3 तीन बहुत ही अनुभवी मूर्तिकार मिलके बना रहे है . एक है ब्लैक , दूसरा है जेड ब्लैक और तीसरा वाइट ये तीनो मूर्तिया बनके त्यार हो गए है और अयोध्या में ही रखा गया है । अयोध्या राम मंदिर की ट्रस्ट तय करेगा कि इन में से किस मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जायेगा

अयोध्या राम मंदिर में एक गर्भगृह और पांच मंडम। बनाया गया है : सोमपुरा ने कहा कि पहिले के मंदिर में सिर्फ एक गर्भगृह और एक गुड और नृत्य मंडप होते थे सामान्य ता मंदिर के इसी तरह बनाया जाता है । पर अयोध्या के राम मंदिर को बड़ा बनाना है इसी लिए इस मंदिर में एक गर्भगृह के साथ पांच मंडप बनाया गया है . भगवान राम की गर्भगृह को अष्टकोणीय बनाया गया है । जो की भगवान विष्णु की आठ अवतार को दरसाता है । श्री राम भी भगवान विष्णु का एक अवतार ही है

अयोध्या का राम मंदिर और जानकारी के लिए हमारी अगली पोस्ट जरूर पढ़े यहां क्लिक करके

( कुछ तरह नाम दिया गया है मंडप का . शिखर , मंदिर , गुड मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप और प्राथना मंडप . )

नगर शैली में शास्त्रों के अनुसार बनाया गया है अयोध्या का राम मंदिर: चंद्रकांत सोमपुरा ने हमसे बात करते हुए बताया कि इस अयोध्या की मंदिर को शास्त्र के अनुसार बनाया गया है . उनो ने आगे कहा कि हमारी कई पीढ़ियां मंदिर निर्माण का कार्य कर रही है . और हमे पता है कि मंदिर कैसे बनाया जाता है । अलग अलग भगवान के लिए अलग अलग शास्त्री और विधि दौरा बनाया जाता है । ऐसे भी मेरे दादा जी ने मंदिर शास्त्र पर 16 किताबे लिखी है जिसमे बताया गया कि मंदिर कैसे बनाया जाता है .

अयोध्या का राम मंदिर का डिजाइन
अयोध्या राम मंदिर  डिजाइन

कितनी लंबी है राम की मूर्ति : सोमपुरा के माने तो अयोध्या में बन रही श्री राम की लंबाई करीब सवा पांच की होगी . इस साल 22 जनवरी को नीचे के तले में बने मुख्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति को स्थापित किया जायेगा . इसके बाद गणपति और हनुमान जी मूर्ति के भी स्थापित किया जायेगा.

अयोध्या राम मंदिर डिजाइन

मंदिर का निर्माण बंसी पहाड़पुर के पत्थर से हुआ है : सोमपुरा ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण के लिए बंसी पहाड़पुर का पत्थर का प्रयोग किया गया है . यह पत्थर थोड़ी गुलाबी रंग की होती है और इसे सेंड स्टोन भी कहते है इस पत्थर को सबसे मजबूत माना जाता है इसलिए मंदिर और मूर्ति का निर्माण इसी पत्थर से कराया गया है । और पढ़ें 

(आगे सोमपुरा ने सबको धन्यवाद किया और उनो में कहा सबने मुझ पर विश्वास किया मुझे बहुत खुशी है इस बात के लेके )

 

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